शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी: बंगाल में सियासी घमासान
क्या है मामला?
शर्मिष्ठा ने "ऑपरेशन सिंदूर" पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर आपत्तिजनक और समुदाय विशेष के खिलाफ टिप्पणियां थीं।
वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर माफी भी मांगी, लेकिन कोलकाता में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई और कई बार समन भेजने के बावजूद वे पेश नहीं हुईं।
पुलिस का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की गईं और कोर्ट के वारंट के बाद ही गिरफ्तारी हुई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
बीजेपी और विपक्षी दलों ने इसे "चुनिंदा कार्रवाई" और "तुष्टीकरण की राजनीति" बताया। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार हिंदू आवाज़ों को दबा रही है और वोट बैंक के लिए कार्रवाई कर रही है।
अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने भी शर्मिष्ठा के समर्थन में बयान दिया और गिरफ्तारी को अनुचित बताया।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी ने धार्मिक भावनाएं भड़काने वालों के लिए सख्त कानून की मांग की।
मुद्दा क्या है?
यह गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक संवेदनशीलता और सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी को लेकर राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन गई है।
पुलिस और सरकार का कहना है कि कानून के अनुसार कार्रवाई हुई, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है।
निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने बंगाल में कानून व्यवस्था, अभिव्यक्ति की आज़ादी और तुष्टीकरण की राजनीति पर नई बहस छेड़ दी है। मामला अभी कोर्ट में है और पूरे देश की नजर इस पर बनी हुई है।